बजट की परिभाषा, Definition of Budget , बजट पर निबंध ,
दोस्तों बजट कैसे बनता है ? इस प्रश्न का जवाब हम सभी के पास है। किसी भी छोटे से एक परिवार के जीवनयापन से लेकर बड़े से बड़े कॉर्पोरेट्स ऑफिस अथवा किसी भी देश को चलाने के लिए बजट बनाना सबसे जरुरी प्रक्रिया है।
हम सभी घरों में देखते ही है। की घर में पैसा कहाँ से आता है। और कहाँ खर्च होता है। घर में किसी भी मेर्रिज से पहले की गई तैयारी बजट का ही एक उदहारण है।
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बजट की परिभाषा
बजट शब्द का प्रयोग हम सभी अपने दैनिक जीवन में करते है। लेकिन सरकार द्वारा प्रतिवर्ष संसद में देश के वित् मंत्री दुआरा सरकार की होने वाली आय एवं व्यय का एक लिखित व्यौरा ही बजट कहलाता है। दूसरे शब्दो में बजट को परिभाषित करे तो यह आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार की अनुमानित आय एवं अनुमानित व्यय का वार्षिक वित्तीय विवरण है।
जिसे देश के वित् मंत्री द्वारा प्रतिवर्ष संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पारित किया जाता है।
वित्तीय वर्ष : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार किसी चालू वर्ष की 1 अप्रैल से लेकर आने वाले दूसरे वर्ष की 31 मार्च तक के समय को ही वित्तीय वर्ष कहते हैं।
देश के राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के शुरुआत से पहले अधिकतर february के महीने में केंद्र सरकार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में वार्षिक बजट प्रस्तुत करने की अनुमति देते है।
बजट आम व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए बजट से ही लोगो की रोज़मर्रा की वस्तुओं के भाव निर्धारित होते है। भारत में प्रतिवर्ष पारित होने बजट में ढेरो नई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की जाती रही है।
बजट लोगों के आर्थिक विकास , गरीबी ,बेरोजगारी , स्वास्थ्य सेवाओं , एवं मॅहगाई को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। बजट में आम आदमी के साथ सरकार को देश में काम कर रही विभिन्न सरकारी सेवाएं को भी व्यय में जोड़ना पड़ता है।
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बजट कैसे बनता है।
भारत सरकार के वित् मंत्रालय पर देश के लिए बजट बनाने की जिम्मेदारी होती है। जो देश के वित् मंत्री की देख रेख में पूरा किया जाता है। भारत में वित्त मंत्री सरकार का वार्षिक बजट 1 फरवरी को संसद में प्रस्तुत करते हैं जिसमें वित्त मंत्री अपनी सरकार के आय और व्यय (खर्चे) का अनुमान लगाकर आने वाले साल के लिए नई योजनाएं बना कर अपना बजट पेश करते है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने अपने बजट पेश करती है लेकिन अंतिम मंजूरी राष्ट्रपति के द्वारा ही दी जाती है। बजट वित्त मंत्रालय द्वारा बांटे गए विभिन्न विभाग द्वारा बनाए जाते हैं।
भारत सरकार के income के स्रोत
Goverment Revenue |
Corporation Tax |
Taxes on Income |
Wealth Tax |
Customs duty |
Union Excise Duties |
GST |
Taxes from UT |
रेल बजट रेल मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है। क्योंकि पहले रेल मंत्रालय को बहुत बड़ा माना जाता था। इसीलिए रेल का बजट अलग पेश किया जाता था। लेकिन अब यह आम बजट के साथ ही पेश किया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया केंद्र का बजट पूरे देश पर लागू होता है। और प्रत्येक राज्य अपना अलग बजट बजट बनाता है। जो सिर्फ राज्य में ही लागू होता है।
Budget Expenditure |
Central Sector Schemes/ Project |
Establishment Expenditure |
Pension |
Defence |
Subsidy (Food, Petroleum , Fertiliser) |
Education |
Health |
Rural Development |
Scientific Departments |
Energy |
बजट क्या है
केंद्रीय बजट (union budget) केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया यह बजट हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। इसलिए इसे आम आदमी का बजट भी कहा जाता है हर वर्ष नए बजट में नए नियम व कानून बिल के रूप में पारित होते हैं केंद्रीय बजट में छोटे-छोटे प्रावधानों को लेकर बजट बनाया जाता है
देश में टैक्स प्रकिया पूरी तरह से पारदर्शी होनी चाहिए। बजट ऐसा होना चाहिए जिससे देश में निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिले। तथा इन सबके बीच हमारे टैक्स देने वाले पर भी ज्यादा बोझ ना पड़े।
देश में एक ऐसी पेशेवर विकास वित्तीय सस्था को काम करना चाहिए जो देश के बुनियादी ढाँचे पर ध्यान दे।
- Investment in Health Infrastructure
- Double the farmer income
- Strong Infrastructure for Business
- Good Governance
- Opportunity for youth
- Education For all
- Empowerment and Inclusive Development
बजट का उद्देय
देश को चलाने के लिए या कहिए सरकार अपने आय के लिए कर की वसूली, आयकर, राजस्व सीमा शुल्क, वस्तु एवं सेवा कर, जुर्माना, ब्याज, जीएसटी, उत्पाद शुल्क बसूलती है। फिर इस आय को वापस आम जनता की सुविधाओं में लगाना बजट का मुख्य उद्देश्य होता है।
जीडीपी को बढ़ाना
सार्वजनिक निवेश और निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कर छूट तथा आर्थिक सहायता को प्रदान करना जिससे देश की जीडीपी में सुधार हो सके।
रोजगार के अवसर
बजट के द्वारा सरकार व्यवसाय में नए निवेश करके रोजगार के अवसर बनाने की कौशिश करती है। जिससे समाज के गरीब वर्गों को रोजगार मिल सके सरकार बजट में अमीर वर्ग पर अधिक टैक्स लगाकर। ।